देखो रुठा ना करो, बात नजरों की सुनो - The Indic Lyrics Database

देखो रुठा ना करो, बात नजरों की सुनो

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता - रफी | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - तेरे घर के सामने | वर्ष - 1963

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देखो रूठा ना करो, बात नज़रों की सुनो
हम ना बोलेंगे कभी, तुम सताया ना करो
चेहरा तो लाल हुआ, क्या क्या हाल हुआ
इस अदा पर तेरी मैं तो पामाल हुआ
तुम बिगड़ने जो लागो, और भी हसीन लगो
जानपर मेरी बनी, आप की ठहरी हसी
हाय मैं जान गयी, प्यार की फितनागरी
दिल जलाने के लिये ठंडी आहें ना भरो
तेरी खुशबू ने मेरे होश भी छिन लिये
हैं खुशी आज हमें, तेरे पहलू में गिरे
दिल की धड़कन पे ज़रा फूल सा हाथ रखो
क्या कहेगा ये समा, इन राहों का धुआँ
लाज आये मुझे, मुझ को लाये हो कहाँ
हम तुम्हे मान गये, तुम बड़े वो हो हटो