चांदनी मुस्कुराये ले चलें ले चलें - The Indic Lyrics Database

चांदनी मुस्कुराये ले चलें ले चलें

गीतकार - अमिताभ वर्मा | गायक - सुनिधि चौहान, शान | संगीत - विवेक फिलिप | फ़िल्म - माय ब्रदर निखिल | वर्ष - 2005

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सुनिधिशान:चाँदनी मुस्कुराये जब हवा कुछ कहे
समझो मेरी सदायें हैं तेरे साथ में
जो घना हो फ़िज़ा में अँधेरा
लाएँगे हम सवेरे तेरे लियेले चलें, ले चलें, यादों के ये क़ाफ़िले
जाएँगे हम जहाँ, ये ज़मीं आसमाँ मिले
नर्म बूँदों की रिमझिम पहली बारिश के दिन
दोपहर गर्मियों की शामें वो सर्द सी
रुत कोई कोई मौसम कोई घड़ी
साथ में हमको हरदम तुम पाओगेले चलें ले चलें ...सुनिधि:रोशनी के ये साये छूके जाएँ तुझे
समझो मेरी सदायें हैं तेरे साथ में
जो घना हो फ़िज़ा में अँधेरा
लाएँगे हम सवेरे तेरे लियेले चलें ले चलें ...शान:आहटें धीमी-धीमी तेरी आवाज़ की
छोटी-छोटी सी बातें वो शरारत भरी
उन पलों उन लम्हों की जादूगरी
हो, आज भी है संजोये दिल में मेरेले चलें, ले चलें यादों के ये क़ाफ़िले
जाएँगे हम जहाँ ये ज़मीं आसमाँ मिले