सांस लेती हुई आँखें अक्सर - The Indic Lyrics Database

सांस लेती हुई आँखें अक्सर

गीतकार - गुलजार | गायक - आशा भोसले | संगीत - जगजीत सिंग - चित्रा सिंग | फ़िल्म - सितम | वर्ष - 1982

View in Roman

सारा दिन जागी तो बेज़ान सी हो जाती हैं
सांस लेती हुई आँखों को ज़रा सोने दो
सांस लेती हुई आँखें अक्सर
बोलती रहती हैं गूंगी बातें
सारा दिन चुनती हूँ सूखे पत्ते
रात भर काटी हैं सुखी रातें
आँखें बुझ जाती हैं, ये देखा है
ज़िन्दगी रूकती नहीं, बुझती नहीं
ख़्वाब चुभते हैं बहोत आँखों में
नींद जागो तो कभी चुभती नहीं
डर सा रहता है ज़िन्दगी का सदा
क्या पता कब कहाँ से वार करे
आँसू ठहरे हैं आ के आँखों में
नींद से कह दो इंतज़ार करें