सांस में तेरी सांस मिली तो मुझे सांस आई - The Indic Lyrics Database

सांस में तेरी सांस मिली तो मुझे सांस आई

गीतकार - गुलजार | गायक - श्रेया घोषाल - मोहित चौहान | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - जब तक है जान | वर्ष - 2012

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सांस में तेरी सांस मिली तो मुझे सांस आई
रूह ने छू ली जिस्म की खुशबू तू जो पास आई
कब तक होश संभाले कोई
होश उड़े तो उड़ जाने दो
दिल कब सीधी राह चला है
राह मुड़े तो मुड़ जाने दो
तेरे ख़याल में डूब के अक्सर अच्छी लगी तनहाई
सांस में तेरी सांस मिली तो मुझे सांस आई
रात तेरी बाहों में कटे तो
सुबह बड़ी हल्की लगती है
आँख में रहने लगे हो क्या तुम
क्यों छलकी छलकी लगती है
मुझको फिरसे छू के बोलो मेरी कसम क्या खाई
तुमको देख के यूँ लगता है
कोई बिछड़ा ख़्वाब आया है
बरसों लम्बी रात से गुज़रे
सुबह का झोंका लौटा आया है
बहोत देर जागी, बहोत दूर आई
ख़्वाब ने ना छोड़ी मेरी कलाई
कब से मेरी सांस रुकी थी मुझे सांस आई