गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - गीता दत्त | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - प्यासा | वर्ष - 1957
View in Romanरुत फिरी पर दिन हमारे फिरे ना फिरे ना फिरे ना
धरती पे रंग छाया दुनिया के भाग जागे
लेकिन वही अँधेरा अब तक है अपने आगे
पहुँची न अपनी नैया अब तक किसी किनारे
कोई नहीं जो हमको अपनी तरफ़ पुकारे
इस पार कुछ नहीं है उस पार कुछ नहीं है
अपने लिए सिवाय मंजधार कुछ नहीं है