आया था घर सँवारने एहसान कर गया - The Indic Lyrics Database

आया था घर सँवारने एहसान कर गया

गीतकार - साधना खोटे 'तमन्ना' | गायक - अनूप जलोटा | संगीत - अनूप जलोटा | फ़िल्म - फरमाइश | वर्ष - 1983

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जुस्तजू ही दिलों की मंज़िल थी
हमने खो कर तुझे तुझे पाया
ज़िन्दगी नाम है जुदाई का
आप आये तो मुझको याद आया
आया था घर सँवारने एहसान कर गया
बर्बादियों का और भी सामन कर गया
अब तक है उसकी याद मेरी ज़िन्दगी के साथ
दो चार पल की मुझसे जो पहचान कर गया
आँखों ने जिसके शौक़ में रातें सजाई थीं
ख़्वाबों की अंजुमन वोही वीरान कर गया
झोंका नसीम-ए-सुबह का आया तो था मगर
गुलशन की हर कली को परेशां कर गया