तेरी शहनाई बोले सूरज के दिल मेरा डोले - The Indic Lyrics Database

तेरी शहनाई बोले सूरज के दिल मेरा डोले

गीतकार - भरत व्यास | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - वसंत देसाई | फ़िल्म - गूंज उठी शहनाई | वर्ष - 1959

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ल : ओ ओ ओ ओ -२
तेरी शहनाई बोले
सुन के दिल मेरा डोले
जुल्मी काहे को सुनाए ऐसी तान रे
र : बादल घिर घिर आए
पापी पपीहरा गाए
कैसे बस में रहे मेरी जान रे
ल : आल : बैरी बन के ये दुनिया खड़ी है -२
मेरे पाँवों में बेड़ी पड़ी है
र : किन घड़ियों में अँखियाँ लड़ी हैं
बारों महीने सावन की झड़ी है
इक पल मुखड़ा दिखा जा
दिल का दुखड़ा मिटा जा
तुझ बिन सूना सूना मेरा है जहान रेल :तेरी शहनाई बोले
सुन के दिल मेरा डोले
जुल्मी काहे को सुनाए ऐसी तान रेर : आजा कब से मैं तुझको बुलाऊँ -२
तेरे प्यार के सपने सजाऊँ
ल : जिया चाहे के उड़ के मैं आऊँ
पिया पंख कहाँ से मैं लाऊँ
मैं यहाँ तू वहाँ
बीच में है जहाँ
कैसे पूरे होँ अब अर्मान रेर : बादल घिर घिर आए
पापी पपीहरा गाए
कैसे बस में रहे मेरी जान रे
ल :तेरी शहनाई बोले
सुन के दिल मेरा डोले
जुल्मी काहे को सुनाए ऐसी तान रे