आवाज दी है आज एक नजर ने - The Indic Lyrics Database

आवाज दी है आज एक नजर ने

गीतकार - हसन कमाली | गायक - आशा - भूपेन्द्र | संगीत - बप्पी लाहिड़ी | फ़िल्म - ऐतबार | वर्ष - 1985

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आवाज दी है आज एक नजर ने
या है ये दिल को गुमान
दोहरा रही हैं जैसे फजायें
भूली हुई दास्तां
लौट आई हैं फिर रूठी बहारें
कितना हसीं है समा
दुनिया से कह दो ना हम को पुकारे
हम खो गए हैं यहाँ
जीवन में कितनी वीरानियां थी
छाई थी कैसी उदासी
सुनकर किसी के कदमों की आहट
हलचल हुई है जरासी
सागर में जैसे लहरे उठी हैं
टूटी हैं खामोशियाँ
तूफ़ान में खोईं कश्ती को आखिर
मिल ही गया फिर किनारा
हम छोड़ आये ख़्वाबों की दुनिया
दिल ने तेरे जब पुकारा
कब से खडी थी बाहें पसारे
इस दिल की तनहाईयाँ
अब याद आया कितना अधूरा
अब तक था दिल का फ़साना
यूँ साथ आ के, दिल में समा के
दामन ना हम से छुडाना
जिन रास्तों पर तेरे कदम हो
मंज़िल है मेरी वहाँ