सुन गोरी खोल जरा घुंघट का दूर - The Indic Lyrics Database

सुन गोरी खोल जरा घुंघट का दूर

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, कमाल बरोट | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - फूल बने अंगारे | वर्ष - 1963

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सुन गोरी खोल ज़रा घूँघट का Door
होने भी दे ज़रा अखियाँ four
उँ हुँ
सुन गोरी खोल ज़रा घूँघट का Door
होने भी दे ज़रा अखियाँ fourयाद है तुझे चौपटी का वो footpath
हुई थी हमारी जहाँ पहली मुलाक़ात
देखूँ ज़रा तू है वो ही या है कोई और
सुन गोरी खोल ज़रा घूँघट का Door
होने भी दे ज़रा अखियाँ four
उँ हुँ
सुन गोरी खोल ज़रा घूँघट का Door
होने भी दे ज़रा अखियाँ fourमैं हूँ तेरा husbandतू है मेरी wife
यही अफ़सोस तो रहेगा सारी life
- ऐं क्या कहा?!
lifeपे करेंगे हम फिर कभी गौर
सुन गोरी खोल ज़रा घूँघट का Door
होने भी दे ज़रा अखियाँ four
उँ हुँ
सुन गोरी खोल ज़रा घूँघट का Door
होने भी दे ज़रा अखियाँ fourयाद है तुझे वो मेरा कान-तोड़ तान
कौन था कहेगा वो थी मुर्गे की बाँग
तूने उसी बाँग पे कहा था once more
सुन गोरी खोल ज़रा घूँघट का Door
होने भी दे ज़रा अखियाँ four
उँ हुँ
सुन गोरी खोल ज़रा घूँघट का Door
होने भी दे ज़रा अखियाँ four