दिल की आहें कौन सुने जो जुबाँ ना कह पाए - The Indic Lyrics Database

दिल की आहें कौन सुने जो जुबाँ ना कह पाए

गीतकार - मस्त अली | गायक - चित्रा, के के | संगीत - शशि प्रीतम | फ़िल्म - रुद्राक्ष | वर्ष - 2003

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के : दिल की आहें कौन सुने जो ज़ुबाँ ना कह पाये
अन्जानी इन राहों में गर कोई मिल जाये
चि : दर्द उठे तेरे सीने में मेरी आँखें भर आयें
यारा तेरी यारी में हम हद से गुज़र जायें
के : ( मन करता है मार दें सब को या फिर मर जायें
मंज़िल को पाने की ख़ातिर ख़ून भी पी जायें ) -२
दिल की आहें कौन सुने जो ज़ुबाँ ना कह पाये
चि : यारा तेरी यारी में हम हद से गुज़र जायेंके : साथिया सुन ज़रा मैं तो हूँ तेरा अपना
आते हैं जाते हैं मुश्क़िलों से क्या डरना
चि : संग-संग बस तेरे संग हाथ थामे रहूँगी
रंग-रंग ख़ुशियों के रंग ज़िंदगी में भर दूँगीके : दिल की आहें कौन सुने जो ज़ुबाँ ना कह पाये
अन्जानी इन राहों में गर कोई मिल जाये
चि : दर्द उठे तेरे सीने में मेरी आँखें भर आयें
यारा तेरी यारी में हम हद से गुज़र जायेंके : ( मन करता है मार दें सब को या फिर मर जायें
मंज़िल को पाने की ख़ातिर ख़ून भी पी जायें ) -२