नजुमी हुन मैं मुबारक हो छमा छम सोना चांदी ये है किस्मत का नजराना - The Indic Lyrics Database

नजुमी हुन मैं मुबारक हो छमा छम सोना चांदी ये है किस्मत का नजराना

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - सहगान, सुरैया, पुरुष स्वर | संगीत - एस एन त्रिपाठी | फ़िल्म - इनाम | वर्ष - 1955

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सु : मुबारक हो -४
छमा-छम सोना-चाँदी घर में आ जाना मुबारक हो -२
ये है क़िस्मत का नज़राना ये नज़राना मुबारक हो -२तुम्हारे दर पे सौ-सौ मोटरें आ कर खड़ी होंगी
हो हो
तुम्हारे दर पे सौ-सौ मोटरें आ कर खड़ी होंगी
रुपों की थैलियाँ कमरों के कोनों में गड़ी होंगी
हाय
Male Voice: अहा
क्या बात है
वाह
सु : कमाई दूसरों की अपने घर लाना मुबारक हो
को : कमाई दूसरों की अपने घर लाना मुबारक हो
सु : ये है क़िस्मत का नज़राना -२
को : ये है क़िस्मत का नज़राना -२
मुबारक हो -४
छमा-छम सोना-चाँदी घर में आ जाना मुबारक होसु : तुम्हें कड़का जो कहते हैं
Male Voice: कड़का? क्या कहा?
सु : तुम्हें कड़का जो कहते हैं वो तुमको शेख़ बोलेंगे
Male Voice: अरे तुम्हारे मुँह में घी-शक्कर
सु : हो
तुम्हें कड़का जो कहते हैं वो तुमको शेख़ बोलेंगे
जो बैठो carतो आगे बढ़ कर gateखोलेंगे
बढ़ा कर पेट तुमको सेठ बन जाना मुबारक हो
को : बढ़ा कर पेट तुमको सेठ बन जाना मुबारक हो
सु : ये है क़िस्मत का नज़राना -२
को : ये है क़िस्मत का नज़राना -२
मुबारक हो -४
छमा-छम सोना-चाँदी घर में आ जाना मुबारक होसु : तुझे शायद किसी चंचल परी से प्यार हो जाये
हो
तुझे शायद किसी चंचल परी से
Male Voice: हो
तुझे शायद किसी चंचल परी से प्यार हो जाये
सु : बहुत मुमकिन है misterतेरा बेड़ा पार हो जाये
हाय
Male Voice: अहा
अरे जियो
सु : किसी के दिल के बंगले में तेरा आना मुबारक हो
को : किसी के दिल के बंगले में तेरा आना मुबारक हो
सु : ये है क़िस्मत का नज़राना -२
को : ये है क़िस्मत का नज़राना -२
मुबारक हो -४
छमा-छम सोना-चाँदी घर में आ जाना मुबारक होसु : बनो तुम लखपती भइया दुआ है बस ये बांदी की
हो
बनो तुम लखपती भइया दुआ है बस ये बांदी की
हो हाथों में तुम्हारे हथकड़ी
Male Voice: हे मुँह सम्भाल के हाँ
सु : हो हाथों में तुम्हारे हथकड़ी लेकिन हो चाँदी की
हाय
Male Voice: चाँदी की? फिर तो ठीक है
सु : तुम्हें ज़ुल्फ़ों की फाँसी ले के मर जाना मुबारक हो
को : तुम्हें ज़ुल्फ़ों की फाँसी ले के मर जाना मुबारक हो
सु : ये है क़िस्मत का नज़राना -२
को : ये है क़िस्मत का नज़राना -२
मुबारक हो -४
छमा-छम सोना-चाँदी घर में आ जाना मुबारक हो -२हा