पंडित जी मेरा हाथ देख कर बात कहो मेरे हाल की - The Indic Lyrics Database

पंडित जी मेरा हाथ देख कर बात कहो मेरे हाल की

गीतकार - सत्येंद्र उपाध्याय | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, सहगान, बाली ब्रह्मभट | संगीत - नरेश शर्मा | फ़िल्म - खिलौना | वर्ष - 1996

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पंडित जी पंडित जी पंडित जी पंडित जी
पंडित जी मेरा हाथ देखकर बात कहो मेरे हाल की
अब तक साजन मिला नहीं क्यूं हुई मैं सोलह साल कीमुझमें क्या कोई कमी है आँखें क्या हसीं नहीं है
क्या गोरे गाल नहीं हैं या लम्बे बाल नहीं हैं
सारा मोहल्ला बात करे मेरी हिरनी जैसी चाल की हाय हाय
अब तक साजन मिला ...हरि ओम
मेरे सामने आ मुझे हाथ दिखा क्या गड़बड़ है पहले ये बता
हरि ओम
भाग्य तुम्हारा बहुत बड़ा है जन्म स्थान में चन्द्र पड़ा है
छठे स्थान में गुरू है लेकिन ठीक सामने शनि खड़ा है Oh no
वैसे हाथ के बीच में रेखा बड़ी है कमाल की reallyहाँ
अब तक साजन मिला ...हरि ओम
समझ गया तुझे राहू की दशा है तुझे प्यार का रोग लगा है
सूर्य प्रबल है बीच में फंसा शुक्र अकेला पड़ा हुआ है
राहू मंगल का झगड़ा है उलझन लफ़ड़ा ही लफ़ड़ा है
मुश्किल है ऐसा लगता है देर अभी दो साल की
आ रे रे रे रे
अब तक साजन मिला ...पंडित जी मुझे न टालो कोई तो राह निकालो
राहू केतू शनि को अब तो बस आप स.म्भालो
हथेली में खुजली हो रही है
खर्च थोड़ा बढ़ जाएगा चक्र गति है काल की
खूब दक्षिणा दूंगी तुझको फिक्र करो मत माल की
अब तक साजन मिला ...हरि ओम
अब लो मैं उपचार बता दूं एक नहीं दो चार बता दूं
जितनी बड़ी दक्षिणा होगी उतनी जळी अच्छा रोगी
पिया मिलन का जाप करा दूं चट मंगनी पट ब्याह रचा दूं
भाग्यवती भव पुत्रवती भव भव मंगलमय आशीष दिला दूं
जब फ़िकर नहीं है माल की तो हाथी घोड़ा पालकी जय जय कन्हैया लाल की
हरि ओम हरि ओम