गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - आशा भोंसले | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - तीसरी कसम | वर्ष - 1966
View in Romanपान खाये सैंयाँ हमारो
साँवली सूरतिया होंठ लाल-लाल
हाय-हाय मलमल का कुरता
मलमल के कुरते पे छींट लाल-लाल
पान खाये सैंयाँ हमारो( हमने मँगाई सुरमेदानी
ले आया ज़ालिम बनारस का ज़रदा ) -२
आ
अपनी ही दुनिया में खोया रहे वो
हमरे दिल की न पूछे बेदर्दा
पूछे बेदर्दापान खाये सैंयाँ हमारो
होय-होय
साँवली सूरतिया होंठ लाल-लाल
हाय-हाय मलमल का कुरता
laugh
मलमल के कुरते पे छींट लाल-लाल
पान खाये सैंयाँ हमारो( बगिया गुन-गुन पायल छुन-छुन
चुपके से आई है रुत मतवाली ) -२
आ
खिल गईं कलियाँ दुनिया जाने
लेकिन न जाने बगिया का माली
बगिया का मालीपान खाये सैंयाँ हमारो
होय-होय
साँवली सूरतिया होंठ लाल-लाल
हाय-हाय मलमल का कुरता
मलमल के कुरते पे छींट लाल-लाल
पान खाये सैंयाँ हमारो( खा के गिलोरी शाम से ऊँघे
सो जाये वो दीया-बाती से पहले ) -२
हा
आँगन-अटारी में घबराई डोलूँ
चोरी के डर से दिल मोरा दहले
दिल मोरा दहलेपान खाये सैंयाँ हमारो
साँवली सूरतिया होंठ लाल-लाल
हाय-हाय मलमल का कुरता
laugh
मलमल के कुरते पे छींट लाल-लाल
पान खाये सैंयाँ हमारो