राह पे रहते हैं यादों पे बसर कराटे हैं - The Indic Lyrics Database

राह पे रहते हैं यादों पे बसर कराटे हैं

गीतकार - गुलजार | गायक - किशोर कुमार | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - नमकीन | वर्ष - 1982

View in Roman

राह पे रहते हैं यादों पे बसर करते हैं
खुश रहो अहले वतन हो हम तो सफर करते हैंजल गये जो धूप में तो साया हो गये-२
आसमाँ का कोई कोना ले थोड़ा सो गये
जो गुज़र जाती है बस उसपे गुज़र करते हैं
हो राह पे रहते हैं यादों पे बसर करते हैं
खुश रहो अहले वतन हो हम तो सफर करते हैंउड़ते पैरों के तले जब बहती हैं ज़मीन-२
मुड़के हमने कोई मंज़िल देखी ही नहीं
रात दिन राहों पे हम शामो सहर करते हैं
हो राह पे रहते हैं यादों पे बसर करते हैं
खुश रहो अहले वतन हो हम तो सफर करते हैंऐसे उजाड़े आशियाँ में तिनके उड़ गये
हो ऐसे उजाड़े आशियाँ में तिनके उड़ गये
बस्तियों तक आते आते रास्ते मुड़ गये
हम ठहर जायें जहाँ उसको शहर कहते हैं
हो राह पे रहते हैं यादों पे बसर करते हैं
खुश रहो अहले वतन हो हम तो सफर करते हैं