मुहब्बत के गुलहा-ए-तर गूँधता हूँ - The Indic Lyrics Database

मुहब्बत के गुलहा-ए-तर गूँधता हूँ

गीतकार - जमील मजहारी | गायक - सहगल | संगीत - NA | फ़िल्म - कुरुक्षेत्र | वर्ष - 1945

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मुझको अपना बनाया किसने

त्म: मुझको अपना बनाया किसने

तूने, सजनिया, तूने

स्स: दिल में दर्द उठाया किसने

त्म: तूने, सजनिया, तूने

स्स: मुझको अपना बनाया किसने

त्म: तूने, सजनिया, तूने

त्म: तूने आँखों से आँख मिलाई

मेरे मन में आग लगाई

स्स: तूने मीठी बोली बोली

मेरे मन की दुनिया डोली

त्म: प्रीत का रोग लगाया किसने

तूने, सजनिया, तूने

त्म: ओ फूलों संग हसने वाली

दिल की कली खिला जा

सुन जा मेरी रामकहानी

स्स: अपना गीत सुना जा

त्म: मुझको यूँ तरसाया किसने

तूने, सजनिया, तूने