सिर्फ खिलाड़ी बदल गया बकी खेल पुराना हैं - The Indic Lyrics Database

सिर्फ खिलाड़ी बदल गया बकी खेल पुराना हैं

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - अनुराधा पौडवाल | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - दादागिरी | वर्ष - 1987

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सिर्फ़ खिलाड़ी बदल गया बाकी खेल पुराना है
आज तुम्हारे ज़ुल्म-ओ-सितम का हमको कर्ज़ चुकाना है
सिर्फ़ खिलाड़ी बदल गया ...कैसी दुनिया कैसी उल्फ़त कैसी रिश्तेदारी
खाक़ में आज मिला देंगे झूठी शान तुम्हारी
इसका लगता नशा न होगा मुंह के बल गिर जाओगे
मौत की जान ले के हटेगी आज जान तुम्हारी
सारी बाज़ी उलट गई है आज तुम्हें हराना है
इस कोड़े की ताल पे देखो तुमको खूब नचाना है
सिर्फ़ खिलाड़ी बदल गया ...जो भी दिया है कर्ज़ा तुमने कर्ज़ अदा हम करते हैं
सामने तुम हो सामने हम हैं फिर न समझना डरते हैं
stickसे मार भगाएं ऐसा ज़माना आ ही गया
आज तुम्हारी हालत पे हम झूम झूम के हँसते हैं
कल तक तुमने हमें रुलाया आज तुम्हें रुलाना है
वह ही घर है वो ही मन्दिर देखो वही ठिकाना है
आज तुम्हारे ज़ुल्म-ओ-सितम ...