कल किसान देखा कल आ ना आ - The Indic Lyrics Database

कल किसान देखा कल आ ना आ

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - अनुराधा पौडवाल, नितिन मुकेश | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - देशवासी | वर्ष - 1989

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कल किसने देखा कल आए ना आए
फिर तेरी ज़ुल्फ़ों के मिलें ना साए
आज होता है जो हो जाने दो
दूर जाओ न तुम पास आने दो
कल किसने देखा ...ये रात हम दोनों को बर्बाद कर जाएगी
चारों तरफ़ दूर तक कल ये खबर जाएगी
शहर की गलियों में चर्चे होंगे
प्यार में मिट गए दीवाने दो
दूर जाओ न ...कुछ भी करो कुछ करो कुछ तो बदन गर्म हो
हो पकड़ो ना आंचल मेरा तुम कितने बेशर्म हो
जान है मुश्किल में तुम सोचो ये दिल में
पल दो पल हम हैं पल दो पल भी क्या कम हैं
लट उलझी हुई है सुलझाने दो
दूर जाओ न ...हो लगती है सर्दी मुझे बाहें मेरी थाम लो
अपनी मुहब्बत से तुम अब आग का काम लो
अब तो मरना है फिर किससे डरना है
छोड़ो रस्मों को तोड़ो कसमों को
घूंघट लाज का उठ जाने दो
दूर जाओ न ...फिर तेरी पलकों के मिलें ना साए
आज होता है जो हो जाने दो