आसमां के नीचे - The Indic Lyrics Database

आसमां के नीचे

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर - किशोर कुमार | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - जेवल थीफ | वर्ष - 1967

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आसमां के नीचे, हम आज अपने पीछे
प्यार का जहां बसा के चले
कदम के निशां बना के चले
तुम चले तो फूल जैसे आँचल के रंग से सज गई राहें
पास आओ मैं पहना दूँ
चाहत का हार ये खुली-खुली बाहें
जिसका हो आँचल खुद ही चमन
कहिए वो क्यों हार बांहों के डाले
बोलती हैं आज आँखें कुछ भी ना आज तुम
कहने दो हमको
बेखुदी बढ़ती चली है अब तो खामोश ही
रहने दो हम को
एक बार एक बार मेरे लिए
कह दो खनके लाल होंठों के प्याले
साथ मेरे चलके देखो, आई है धूम से अब की बहारें
हर गली, हर मोड़ पे वो दोनों के नाम से
हमको पुकारें, तुमको पुकारें
कह दो बहारों से आए इधर
उन तक उठकर हम नहीं जाने वाले