तू कहे अगर, तू कहे अगर - The Indic Lyrics Database

तू कहे अगर, तू कहे अगर

गीतकार - मजरूह | गायक - मुकेश | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - अंदाज़ | वर्ष - 1949

View in Roman

तू लाली है सवेरे वाली गगन रंग दे तू मेरे मन का


तू लाली है सवेरे वाली गगन रंग दे तू मेरे मन का
आ : जो सूरज तू मैं धरती तेरी तू साथी है मेरे जीवन का
कि : तू लाली है ...
आ : जो सूरज तू ...

कि : हो तेरे-मेरे बीच की मिटेगी कब दूरी
आ : हो होती है कुछ तो सनम सभी की मजबूरी
कि : तुम हो निग़ाहों में कब आओगी बाँहों में
आ : तुम में जो हिम्मत हो मुझ से मोहब्बत हो
जग से मुझे छीन लो
कि : तू लाली है ...
आ : जो सूरज तू ...

आ : हो तेरे ही फेरे करूँ खींची हुई मैं आऊँ
कि : हो देखूँ तुझे दूर से गले ना लग जाऊँ
आ : किसने तुम्हें रोका कर लो वो जो सोचा
कि : हँसी ना उड़ाओ और ना जलाओ
आँचल की तुम छाँव दो
कि : तू लाली है ...
आ : जो सूरज तू ...