दिल तोदने वालों की महफिल अगर दिल हमारा - The Indic Lyrics Database

दिल तोदने वालों की महफिल अगर दिल हमारा

गीतकार - प्रकाश मेहरा | गायक - किशोर कुमार | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - एक कुंवारी एक कुंवारा | वर्ष - 1973

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दिल तोड़ने वालों की महफ़िल में आ गया हूँ
कैसे दुआएँ दूँ मैं बड़ी मुश्क़िल में आ गया हूँअगर दिल हमारा शीशे के बदले पत्थर का होता
पत्थर का होता तो टूटता न फूटता मानता न रूठता
न बार-बार हँसता न ज़ार-ज़ार रोता
अगर दिल हमारा ...न एहसास होता ख़ुशी में ख़ुशी का -२
न महसूस होता ये ग़म ज़िन्दगी का
वो प्रीतम की गलियाँ नहीं ना सही
मुक़द्दर में कलियाँ नहीं ना सही
ये चुन-चुन के काँटों की माला ना पिरोता
अगर दिल हमारा ...है काग़ज़ के फूलों का ये गुलिस्ताँ -२
महक इनकी नक़ली है नक़ली ख़िज़ाँ
सितमगर तुझे बेवफ़ा जानता
अगर तेरी नज़रों को पहचानता
घरौंदे मैं सपनों के क्यों कर संजोता
अगर दिल हमारा ...