बरसे रे सावन कानपे मेरा मन - The Indic Lyrics Database

बरसे रे सावन कानपे मेरा मन

गीतकार - इन्दीवर | गायक - साधना सरगम, मोहम्मद अज़ीज़ | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - दरियादिल | वर्ष - 1987

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बरसे रे सावन कांपे मेरा मन भीग जाए ना बदन मेरा
अपनी छतरी में मुझको छिपा ले रे
पास अपने तू मुझको बुला ले रेजादू चला मत नज़दीक आ मत
तू रूप की कोई रानी रे
रास्ता न मेरा तू भुला दे रे
होश मेरे न उड़ा दे रे
बरसे रे सावन ...न तो यहां किसी पेड़ की छाया ना पास कोई मकान है
मौक़े पे लड़की का जो साथ दे दे तू ही एक ऐसा जवां है
ऐसा जवां है रे बांका जवां है रे
मिलके मेरा तू दिल लूटेगी क्यूं तू नज़र दिल पे डाले रे
बरसे रे सावन ...आँखों ने मेरी की तुझसे विनती प्यार से दिल ने पुकारा
एहसान मानूंगी सारी उमर तेरा दे दे तू थोड़ा सहारा
दे दे सहारा तू थोड़ा सहारा तू
चल फिर साथ चल दोनों इक शहर के रहने वाले रे
बरसे रे सावन ...