देखो कसम से, देखो कसम से - The Indic Lyrics Database

देखो कसम से, देखो कसम से

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - आशा - रफी | संगीत - ओ. पी. नय्यर | फ़िल्म - तुमसा नहीं देखा | वर्ष - 1957

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देखो कसम से, देखो कसम से कहते हैं तुम से हाँ
तुम भी जलोगे, हाथ मलोगे रूठ के हमसे हाँ
रात है दीवानी, मस्त हैं फिजायें
चाँदनी सुहानी, सर्द हैं हवायें
हम भी अकेले, तुम भी अकेले कहते हैं तुम से हाँ
तुम भी जलोगे, हाथ मलोगे रूठ के हम से हाँ
जाते हो तो जाओ, चल दिये जी हम भी
आओ या ना आओ, अब नहीं है गम भी
हम भी अकेले, तुम भी अकेले कहते हैं तुम से हाँ
तुम भी जलोगे, हाथ मलोगे रूठ के हम से हाँ
क्या लगायी तुम ने ये कसम कसम से
लो ठहर गये हम कुछ कहो भी हम से
बन के ना चलिये, तन के ना चलिये, कहते हैं तुम से हाँ
तुम भी जलोगे, हाथ मलोगे रूठ के हम से हाँ