आपकी महकी हुई ज़ुल्फ़ को कहते हैं घटा - The Indic Lyrics Database

आपकी महकी हुई ज़ुल्फ़ को कहते हैं घटा

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - लता मंगेशकर - येशुदास | संगीत - खय्याम | फ़िल्म - त्रिशूल | वर्ष - 1978

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आपकी महकी हुई ज़ुल्फ़ को कहते हैं घटा
आपकी मदभरी आँखों को कँवल कहते हैं
मैं तो कुछ भी नहीं, तुमको हसीं लगती हूँ
इसको चाहत भरी नज़रों का अमल कहते हैं
एक हम ही नहीं सब देखनेवाले तुमको
संगेमरमर पे लिखी शोख़ ग़ज़ल कहते हैं
ऐसी बातें ना करो जिनका यकीं मुश्किल हो
ऐसी तारीफ़ को नियत का ख़लल कहते हैं
मेरी तक़दीर के तुमने मुझे अपना समझा
इसको सदियोंकी तमन्नाओं का फ़ल कहते हैं