मेरी हर मनमानी बस तुम तक - The Indic Lyrics Database

मेरी हर मनमानी बस तुम तक

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - तलत महमूद | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - रूप की रानी चोरों का राजा | वर्ष - 1961

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मेरी हर मनमानी बस तुम तक
बातें बचकानी बस तुम तक
मेरी नज़र दीवानी बस तुम तक
मेरे सुख-दु:ख आते जाते सारे
तुम तक, तुम तक, तुम तक, सोनिया
तुम तक तुम तक अर्ज़ी मेरी
फिर आगे जो मर्ज़ी
तुम तक तुम तक अर्ज़ी मेरी
फिर तेरी जो मर्ज़ी मेरी
हर दुश्वारी बस तुम तक
मेरी हर होशियारी बस तुम तक
मेरी हर तैयारी बस तुम तक
तुम तक, तुम तक, तुम तक, तुम तक
मेरी इश्क़ खुमारी बस तुम तक
इक टक इक टक, ना तक, गुम सुम
नाज़ुक नाज़ुक दिल से हम तुम
तुम ... तुम तुम तुम तुम तुम तुम ...
तुम चाबुक नैना मारो
मारो तुम तुम तुम तुम तुम तुम!
तुम... मारो ना नैना तुम
मारो ना नैना तुम
तुम तक
चला हूँ तुम तक
चलूँगा तुम तक
मिला हूँ तुम तक
मिलूँगा तुम तक
तुम तक, तुम तक, तुम तक
तुम तक, तुम तक, तुम तक, तुम तक ...
हाँ उखड़ा उखड़ा
मुखड़ा मुखड़ा
मुखड़े पे नैना काले
लड़ते लड़ते लडे, बढ़ते बढ़ते बढ़े
हाँ अपना सजना कभी, सपना सजना कभी
मुखड़े पे नैना डाले
नैनो की भाट ले जा
नैनो की नैय्या
पतवार तू है मेरी
तू खेवैया
जाना है पार तेरे
तू ही भंवर है
पहुँचेगी पार कैसे
नाज़ुक सी नैय्या
तुम तक, तुम तक, तुम तक ...
मेरी अकल दीवानी तुम तक
मेरी सकल जवानी तुम तक
मेरी ख़तम कहानी तुम तक
मेरी ख़तम कहानी बस तुम तक
तुम तक, तुम तक, तुम तक, तुम तक ...