चाहतें बेताब हैं कैस कहुं के प्यार हैं - The Indic Lyrics Database

चाहतें बेताब हैं कैस कहुं के प्यार हैं

गीतकार - समीर | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, उदित नारायण | संगीत - विजू शाह | फ़िल्म - कैसे कहूं के... प्यार है | वर्ष - 2003

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उ : चाहतें बेताब हैं आँखों में ये ख़्वाब हैं
थोड़ी सी हैं दूरियाँ और कुछ मजबूरियाँ
क : हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो
उ : हाँ चाहतें बेताब हैं आँखों में ये ख़्वाब हैं
थोड़ी सी हैं दूरियाँ और कुछ मजबूरियाँ
सारी क़समें तोड़ दूँ सोचता हूँ बोल दूँ
राज़ सारे खोल दूँ
कह रहा है दिल दीवाना
हाँ कह रहा है दिल दीवाना
कह रही हैं धड़कनें
ये तो है मुश्क़िल मेरी कैसे कहूँ के प्यार है -२क : कह रही हाथों की मेहंदी कह रही हैं चूड़ियाँ -२
शर्म सी आती मुझे कैसे कहूँ के प्यार है -२उ : हर घड़ी शाम-ओ-सहर रास्ता देखा करूँ
कब मिलें कैसे मिलें बस यही सोचा करूँ
हो हर घड़ी शाम-ओ-सहर रास्ता देखा करूँ
कब मिलें कैसे मिलें बस यही सोचा करूँ
इस मोहब्बत की क़सम अब दुआओँ में सनम
बस तुझे माँगा करूँ
कह रही है बेक़रारी
हाँ कह रही है बेक़रारी
कह रही दीवानगी
ये तो है मुश्क़िल मेरी कैसे कहूँ के प्यार है
क : हाँ शर्म सी आती मुझे कैसे कहूँ के प्यार है
उ : हे हे हे हे हा हा हा हे हे हेको : प प रा रा -८
क : रात भी ढलती नहीं काटे दिन कटता नहीं
आँखों से चेहरा तेरा एक पल हटता नहीं
हो रात भी ढलती नहीं काटे दिन कटता नहीं
आँखों से चेहरा तेरा एक पल हटता नहीं
क्या करूँ जान-ए-वफ़ा एक बस तेरे सिवा
अब कोई जँचता नहीं
कह रहा आँखों का काजल
हाँ कह रहा आँखों का काजल
कह रही अँगड़ाइयाँ
शर्म सी आती मुझे कैसे कहूँ के प्यार है
उ : हो ये तो है मुश्क़िल मेरी कैसे कहूँ के प्यार है
क : कह रही होंठों की लाली कह रही तनहाइयाँ
उ : कह रहा मौसम का जादू कह रही हैं वादियाँ
क : शर्म सी आती मुझे कैसे कहूँ के प्यार है
उ : हाँ ये तो है मुश्क़िल मेरी कैसे कहूँ के प्यार है
दो :ला ल ला ला