रुक जा ओ जाने वाली रुक जा - The Indic Lyrics Database

रुक जा ओ जाने वाली रुक जा

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - मुकेश | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - कन्हैया | वर्ष - 1959

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रुक जा ओ जाने वाली रुक जा
मैं तो राही तेरी मंज़िल का
नज़रों में तेरी मैं बुरा सही
आदमी बुरा नहीं मैं दिल का
देखा ही नहीं तुझ को, सूरत भी ना पहचानी
तू आके चली छम से, ज्यूँ धूप के दिन पानी
मुद्दत से मेरे दिल के सपनों की तू रानी है
अब तक ना मिले लेकिन पहचान पुरानी है
आ प्यार की राहों में बांहों का सहारा ले
दुनिया जिसे गाती है, उस गीत को दोहरा ले