मुसिबत इक खिलाउना है चल चल गर है अंधेरा - The Indic Lyrics Database

मुसिबत इक खिलाउना है चल चल गर है अंधेरा

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - खैय्याम | फ़िल्म - बारूद | वर्ष - 1960

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मुसीबत इक खिलौना है तेरी मासूम राहों में
गुज़र जा हाँ गुज़र जा खेलता धरती की बाँहों मेंचला चल चला चल गर है अन्धेरा -२
तेरा सहारा भगवन तेरा
चला चल चला चल गर है अन्धेरा -२जग है सागर तू है तिनका
बहता चला जा
बाँध ले हिम्मत छोड़ दे रोना
हँसता चला जा
ढलेंगी ये रातें मिलेगा सवेरा -२तेरा सहारा भगवन तेरा
चला चल चला चल गर है अन्धेरा -२आँधी आये तूफ़ाँ आये
फिर भी लड़े जा
वो रखवाला साथ है तेरे
आगे बढ़े जा
बनेगा उजाला यही तो अंधेरा -२तेरा सहारा भगवन तेरा
चला चल चला चल गर है अन्धेरा -२