आप यूँ ही अगर हमसे मिलते रहे - The Indic Lyrics Database

आप यूँ ही अगर हमसे मिलते रहे

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - आशा - रफी | संगीत - ओ. पी. नय्यर | फ़िल्म - एक मुसाफिर एक हसीना | वर्ष - 1962

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आप यूँ ही अगर हमसे मिलते रहे
देखिए एक दिन प्यार हो जाएगा
ऐसी बातें न कर ओ हसीं जादूगर
मेरा दिल तेरी आँखों में खो जाएगा
पीछे-पीछे मेरे आप आती हैं क्यों
मेरी राहों में आँखें बिछाती हैं क्यों, आप आती हैं क्यों
क्या कहूँ आप से ये भी एक राज़ है
एक दिन इस का इज़हार हो जाएगा
कैसी जादूगरी की अरे जादूगर
तेरे चेहरे से हटती नहीं ये नज़र, हाय मेरी ये नज़र
ऐसी नज़रों से देखा अगर आपने
शर्म से रंग गुलनार हो जाएगा
मैं मोहब्बत की राहों से अनजान हूँ
क्या करूँ, क्या करूँ मैं परेशान हूँ, मैं परेशान हूँ
आपकी ये परेशानियाँ देखकर
मेरा दिल भी परेशान हो जाएगा