जुन्धरिया कटती जाये रे - The Indic Lyrics Database

जुन्धरिया कटती जाये रे

गीतकार - शकील | गायक - मन्ना डे | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - भारत माता | वर्ष - 1957

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जुन्धरिया कटती जाये रे
उमरिया घटती जाये रे
काम कठन जीवन थोड़ा
काम कठन है रे
काम कठन जीवन थोड़ा
पगला मन घबराये
जुन्धरिया कटती जाये रे
उमरिया घटती जाये रे
दुख-दर्द सहें बनजारे भइया
धूप में देखें तारे
दिन-रात बहायें पसीना हम
कुछ हाथ न आये हमारे
हमरी सारी मेहनत माया
ठगवा ठग ले जाये
जुन्धरिया कटती जाये रे
उमरिया घटती जाये रे
धरती पे कितने बारा-मासे
बीत गये रे आ के रामा
बीत गये रे आ के
दुनिया के लिये है लीला तेरी
हमरे भाग में फाँके रामा
हमरे भाग में फाँके
कागज हो तो बाँच लूँ रामा
भाग न बाँचो जाये
जुन्धरिया कटती जाये रे
उमरिया घटती जाये रे
सनसार में तेरे लूट मची
और जान के पड़ गये लाले
अब रोक जनम की चक्की रे
सनसार चलाने वाले
काल पड़ा है रोटी का और
दुनिया बढ़ती जाये
जुन्धरिया कटती जाये रे
उमरिया घटती जाये रे