ओ री छोरी मान भी ले बात मोरी - The Indic Lyrics Database

ओ री छोरी मान भी ले बात मोरी

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - अलका याज्ञनिक, उदित नारायण, वसुंधरा दास | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - लगान | वर्ष - 2001

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ओ री छोरीओ री छोरी मान भी ले बात मोरीमैंने प्यार तुझी से है कियातेरे बिन मैं जिया तो क्या जियातेरे नैनों में ये जो काजल हैसपनों का बादल हैमन तेरे हि कारन पागल हैओ गोरियाओ रे छोरेओ रे छोरे दिल से निकले बोल मेरेमैंने प्यार तुझी से है कियामैंने तुझको ही माना है पियातू ने थामा आज ये आँचल हैमन में एक हलचल हैमैं न भूलूँगी ये वो पल हैसाँवरियाmy heart speaks a thousand wordsI feel eternal blissthe roses pout, their scarlet mouthslike offering a kissNo drop of rain, no glowing flamehas ever been so pureif being in love can ever feel like thisthen i am in love for sureमोरे मन में थी जो बात छुपी आई है जबान परमोरे दिल में कहीं एक तीर जो था आया है कमान परसुन-सुन रे सजन रहें जनम-जनम हम प्रेम-नगर के बासीथामें-थामें हाथ रहें साथ-साथ कभी दूरी हो न जरा सीचलूँ मैं संग-संग तेरी राह में बस तेरी चाह मेंओ रे छोरे
ओ री छोरीकोई पूछे तो मैं बोलूँ क्या कि मुझको हुआ है क्यामोरे अंग-अंग में है सुगंध जो तूने है छू लियातन महका-महका मन दहका-दहका मुझे तू गुलाब सी लागेजो है ये निखार और ये सिंगार तो क्यूँ न कामन मन में जागेतेरा उजला-उजला जो रूप है यौवन की धूप हैओ री छोरीi am in loveओ रे छोरे