जो तुम करो मैं कर सकता हूँ बढ़ के - The Indic Lyrics Database

जो तुम करो मैं कर सकता हूँ बढ़ के

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - किशोर, शमशादी | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - अदा | वर्ष - 1951

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जो तुम करो मैं कर सकता हूँ बढ़ के
अजी बढ़ के
मैं कर सकती हूँ तुमसे भी बढ़-चढ़ के
बढ़-चढ़ के )
मैं ऊँचे सुरों में गाऊँ
मैं तुमसे भी ऊँचा गाऊँ
होय मैं ऊँचे सुरों में गाऊँ
अजी मैं तुमसे भी ऊँचा गाऊँ
स रे ग
रे ग म
ग म प
म प ध
प ध नि
ध नि प
नि स रे रे रे
स रे ग रे ग म म प ध
( जो तुम करो मैं कर सकती हूँ बढ़ के
अजी बढ़ के
मैं कर सकता हूँ तुमसे भी बढ़-चढ़ के
बढ़-चढ़ के )
मैं झट-पट झटा-पट बोलूँ
मैं फट-फट फटा-फट बोलूँ )
झट-पट झट-पट
फट-फट फट-फट
अरे झट-पट झट-पट
फट-फट फट-फट )
तुर्र्र
जो तुम करो मैं कर सकती हूँ बढ़ के
अजी बढ़ के
मैं कर सकता हूँ तुमसे भी बढ़-चढ़ के
बढ़-चढ़ के )
( मैं धीरे-धीरे बोलूँ
मैं तुमसे भी धीरे बोलूँ )
आओ दिल की बात करें
आज तुमसे दूर है
हम तुम पे मरते हैं
हम तुमसे डरते हैं
हम जान लुटाते हैं
हम जान छुड़ाते हैं
हम दिल के
तुम दिल के खोटे हो
तुम बेपेंदी के लोटे हो
डबल रोटे हो
तुम बहुत ही मोटे हो
आऊं
आं
( जो तुम करो मैं कर सकती हूँ बढ़ के
अजी बढ़ के
मैं कर सकता हूँ तुमसे भी बढ़-चढ़ के
बढ़-चढ़ के )
( मैं मीथा-मीठा गाऊँ
मैं तुमसे भी मीठा गाऊँ )
जिया बेक़रार है
छाई बहार है
आजा मोरे बालमा
तेरा इंतज़ार है
जिया बेक़रार है
छाई बहार है
आजा मोरे बालमा
बालम आय बसो मेरे मन में
बा
जो तुम करो मैं कर सकती हूँ बढ़ के
अजी बढ़ के
तुम कर सकता हो मुझसे भी बढ़-चढ़ के
बढ़-चढ़ के
जो तुम करो मैं कर सकती हूँ बढ़ के
बढ़-चढ़ के
तुम कर सकता हो मुझसे भी बढ़-चढ़ के
बढ़-चढ़ के -