रौशनी अपनी उमंगों की लुटा कर चल दिये - The Indic Lyrics Database

रौशनी अपनी उमंगों की लुटा कर चल दिये

गीतकार - ज़िया सरहदी | गायक - नूरजहां | संगीत - के दत्ता | फ़िल्म - नादान | वर्ष - 1943

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रुक न सको तो जावो, तुम जावो

रुक न सको तो जावो, तुम जावो

मीत मगर हम सबकी है फ़रियाद

कभी हमारी भी कर लेना याद

हम तो तुम्हें न भूल सकेंगे

तुम चाहे बिसरावो, तुम जावो

प्यारा रसन भी छुड़ता जब पन्छी

किसका ह्रिदय न भर आता तब पन्थी

मीत हमारे आँसू से तुम

कमज़ोरी न दिखावो, तुम जावो

रुक न सको तो जावो, तुम जावो

जाने कब फिर मिलें पुराने साथी

जाने कब फिर मिले प्रेम की पाती

आज बिछुड़ने के पहले तुम

एक बार मुसकावो तुम एक बार मुसकावो, तुम जावो

रुक न सको तो जावो, तुम जावो