जो खुशी से चोट खाये - The Indic Lyrics Database

जो खुशी से चोट खाये

गीतकार - शकील | गायक - तलत | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - दिल-ए-नादानी | वर्ष - 1953

View in Roman जा रे पन्चि, के अब ये देस हुअ बेगन' फ़ोर थे ओल्द मोविए
'Bहभि' बुत इत वस नेवेर उसेद इन थे फ़िल्म.
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तेरी खातिर सितम दिल पे गवारा कर लिया मैंने
कहा किसने मुहब्बत से किनारा कर लिया मैंने
जो खुशी से चोट खाये,
वो जिगर कहाँ से लाऊं
किसी और को जो देखे,
वो नजर कहाँ से लाऊं
जो खुशी से चोट खाये
मुझे तेरी आरज़ू है,
मेरे दिल में तू ही तू है
बसे गैर जिसमें आ कर,
मैं वो घर कहाँ से लाऊं
जो खुशी से चोट खाये
तेरी बेरुखी पे सदके,
तेरी हर अदा पे कुर्बां
करे और को जो सजदे,
मैं वो सर कहाँ से लाऊं
जो खुशी से चोट खाये
वो जिगर कहाँ से लाऊं
जो खुशी से चोट खाये
आ टाळाट टीड Bईट: टलत अल्सो रेcओर्देद थे सोन्ग 'छल उद
जा रे पन्चि, के अब ये देस हुअ बेगन' फ़ोर थे ओल्द मोविए
'Bहभि' बुत इत वस नेवेर उसेद इन थे फ़िल्म.