रोज़ अकेली आए, रोज़ अकेली जाए - The Indic Lyrics Database

रोज़ अकेली आए, रोज़ अकेली जाए

गीतकार - गुलजार | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - मेरे अपने | वर्ष - 1971

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रोज़ अकेली आए, रोज़ अकेली जाए
चाँद कटोरा लिए भिखारन रात
रोज़ अकेली आए, रोज़ अकेली जाए
मोतियों जैसे तारे आँचल में हैं सारे
हाये रे फिर क्या माँगे भिखारन रात
जोगन जैसी लागे, ना सोए ना जागे
गली गली में जाये भिखारन रात
रोज़ लगाए फेरा, है कोई नन्हा सवेरा
गोद में भर दो, आई भिखारन रात