ढीठ लंगर नटखट हरजाई - The Indic Lyrics Database

ढीठ लंगर नटखट हरजाई

गीतकार - साहिर | गायक - लता | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - राधा कृष्ण: | वर्ष - 1954

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ढीठ लंगर नटखट हरजाई
तोहे लाज न आए
होऽ
एक तो मन का धीरज लूटे
दूजे जिया जलाए
होऽ
ढीठ लंगर
होऽ
ढीठ लंगर नटखट हरजाई
तोहे लाज न आए

आते जाते बैंयाँ पकड़े-2
रोके बाट हमारी
कंकड़ मारे गगरिया फोड़े-2
वाह रे प्रीत तिहारी
नित नित की ये रार कन्हाई
हम से कही न जाए
होऽ

ढीठ लंगर नटखट हरजाई
तोहे लाज न आए

बाँसुरिया की टेर सुनाकर-2
हमको पास बुलाए
हम आएँ तो औरों के संग-2
हिल मिल रास रचाए
बेबस का मन बस में करके
चतुराई दिखलाए
होऽ

ढीठ लंगर नटखट हरजाई
तोहे लाज न आए
होऽ
एक तो मन का धीरज लूटे
दूजे जिया जालाए
होऽ
ढीठ लंगर
होऽ
ढीठ लंगर नटखट हरजाई
तोहे लाज न आए$