जिसे दिल में बसाना चाहा था - The Indic Lyrics Database

जिसे दिल में बसाना चाहा था

गीतकार - बेहज़ाद लखनवी | गायक - तलत महमूद | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - अदा | वर्ष - 1951

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जिसे दिल में बसाना चाहा था
उसे दिल में अपने बसा न सके
पर अब ये तमन्ना है दिल कि
हमें याद भी उसकी आ न सके
धोखा ये तेरा कब तक चलता
जो हाल था आख़िर खुल के रहा
दिल टूट गया अच्छा ही हुआ
हम और तो ठोकर खा न सके
जिसे दिल में बसाना चाहा था
अब और नहीं उलझन कोई
इक चीज़ अभी तक बाक़ी है
क्यों ग़ैर को हम अपना समझे
इस ग़म को दिल से भुला न सके
जिसे दिल में बसाना चाहा था