देखो बिजली डोले बिन बादल की - The Indic Lyrics Database

देखो बिजली डोले बिन बादल की

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - आशा भोसले - उषा मंगेशकर | संगीत - ओ. पी. नय्यर | फ़िल्म - फिर वही दिल लाया हूं | वर्ष - 1963

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देखो बिजली डोले बिन बादल की
चमचम चमके माथे की बिंदिया
झनन झनन धुन पायल की
रंग रुपहला जलवे सुनहरे
ठहरे तो कैसे पग नहीं ठहरें
झलक दिखाते हुये कई बलखाये
डारे नज़र हल्की हल्की
गिरती संभलती चली मतवारी
हँस के उछल पड़ी जैसे चिंगारी
गिरी कब दिल पे गई कब दिलसे
दुनिया रही रे अँखियाँ मलती