दिल ने फिर याद किया बर्क़ सी लहराई है - The Indic Lyrics Database

दिल ने फिर याद किया बर्क़ सी लहराई है

गीतकार - जी.एल.रावल | गायक - मुकेश - रफी - सुमन कल्याणपूर | संगीत - सोनिक ओमी | फ़िल्म - दिल ने फिर याद किया | वर्ष - 1966

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दिल ने फिर याद किया बर्क़ सी लहराई है
फिर कोई चोट मोहोब्बत की उभर आई है
वो भी क्या दिन थे हमें दिल में बिठाया था कभी
और हँस हँस के गले तुमने लगाया था कभी
खेल ही खेल में क्यों जान पे बन आयी है
क्या बताये तुम्हें हम शम्म़ा की किस्मत क्या है
ग़म में जलने के सिवा और मोहोब्बत क्या है
ये वो गुलशन है के जिसमें ना बहार आनी है
हम वो परवाने है जो शम्म़ा का दम भरते है
हुस्न की आग में खामोश जला करते है
आह भी निकले तो ये प्यार की रुसवाई है