धीरे धीरे चढ गया नदि मेइं पानि - The Indic Lyrics Database

धीरे धीरे चढ गया नदि मेइं पानि

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - हेमंत, लता | संगीत - रोशन | फ़िल्म - आगोश | वर्ष - 1953

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होऽओ धीरे धीरे चढ गया नदि मेइं पानि
होऽओ धीरे धीरे
होऽओ कोइ कहेय तूफ़ान उठा, कोइ कहेय रे आयि जवानि
धीरे धीरे चढ गया नदी मेइं पानि
होऽओ धीरे धीरे..

(ळत)
दिल मेइं बैठ कोइ दिल कि धड्कन गिन्त जाये, धड्कन गिन्त जाये
मेरे दिल के भेद चुराकर अप्ने भेद छुपाये, अप्ने भेद छुपाये
होऽओ जो जो मेरि प्रीत बढे मैन होती जाऊं दीवानि...

धीरे धीरे चढ गया नदि मेइं पानि
होऽओ धीरे धीरे...

(ःएमन्त्द)
उठ्ति गिर्ति लेह्रें बोलेय आओ साथ हमारे, आओ साथ हमारे
आनेवालि रात क पेह्ल तार करे इशारे, तार करे इशारे
होऽओ मन कि बतियां गीत बनि गीतों मेइन आयि रवानि...

धीरे धीरे चढ गया नदि मेइं पानि
होऽओ धीरे धीरे...

(बोथ तोगेथेर)
बच्पन मेइं हुम कर बैठे एक छोटीसि नादानि, छोटीसि नादानि
लेकिन आज उसी के दुम से है ज़िन्दगि सुहानि, है ज़िन्दगि सुहानि
होऽओ दो दिल क्य मिल गये के आगे बढ्ति जाये कहानि...

धीरे धीरे चढ गया नदि मेइं पानि
होऽओ धीरे धीरे...$