धीरज धर मनवा - The Indic Lyrics Database

धीरज धर मनवा

गीतकार - भरत व्यास | गायक - हेमंत | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - बालयोगी उपमन्यु | वर्ष - 1958

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धीरज धर मनवा, धीरज धर
तेरे सुखके भरे दिन आयेंगे
तक़दीर का सूरज चमकेगा
ग़म के बादल हट जायेंगे
धीरज धर मनवा, धीरज धर

क्यों घूम रहे हो भँवरे से
क्यों घूम रहे हो भँवरे से
घबराये हुए भरमाये हुए
तेरी पतझड़ के पत्ते उड़ाते
आँचल में बसन्त छुपाये हुए
इन काँटों को
इन काँटों को चुन चुन रख ले
कलियों के चमन बन जायेंगे

धीरज धर मनवा, धीरज धर

साग़र की तरन्गें टकराके
टकराके स्वय्ं ही डूबेंगी
तेरी सच की नाव डोलेगि बहुत
डोलेगि मगर न डूबेगी
तूफ़ानों के
तूफ़ानों के झोंके ही तेरी
नैय्या को किनारे लगायेंगे

धीरज धर मनवा, धीरज धर
तेरे सुखके भरे दिन आयेंगे
तक़दीर का सूरज चमकेगा
ग़म के बादल हट जायेंगे
धीरज धर मनवा, धीरज धर$