गुंचे लगे हैं कहने, फूलों से भी सुना है तराना प्यार का - The Indic Lyrics Database

गुंचे लगे हैं कहने, फूलों से भी सुना है तराना प्यार का

गीतकार - तिलकराज थापर | गायक - शैलेंद्र सिंह | संगीत - राम लक्ष्मण | फ़िल्म - तराना | वर्ष - 1979

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गुंचे लगे हैं कहने, फूलों से भी सुना है तराना प्यार का
कहता है दिल आ के मिल, ओ मेरी ज़िन्दगी
तनहा ना बीत जाये दिन बहार का
अभी अभी एक हवा का झोंका याद तेरी ले आया
याद के साजों पर दिल ने एक प्रीत का गीत सुनाया
ओ मेरी दिलरुबा सुन ले ज़रा
कहता है दिल तुझ से ये क्या अफ़साना
दिलबर मेरे दिल में क्या है तू जो इसे सुन लेती
मेरे संग जीवन के कितने सपने तू बुन लेती
ओ मेरी दिलरुबा तू बन शमा
और देख जा जलता हुआ परवाना