रहते हो अब तो हर घड़ी मेरी नज़र के सामने - The Indic Lyrics Database

रहते हो अब तो हर घड़ी मेरी नज़र के सामने

गीतकार - NA | गायक - मुकेश, गीता | संगीत - नशद | फ़िल्म - टूटे तारे | वर्ष - 1948

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रितु आई सुहानी प्रेम के सपने जागे


रितु आई सुहानी प्रेम के सपने जागे
अन्धियारे मन में आशा-किरन
मोरे नैना देखन लागे

थी ये जीवन-कहानी अधूरी
तुम मिले हो गई आज पूरी
सुख से तन-मन नाच रहा है
बिपदा के दिन भागे
रितु आई सुहानी ...

ये तिरछी निगाहों की घातें
हमसे छिप-छिप के करती हैं बातें
एक ही चाहत है दिल की
तुमसे तुम्हीं को माँगे
रितु आई सुहानी ...