झोली भर तारे ला दे रे - The Indic Lyrics Database

झोली भर तारे ला दे रे

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - खुर्शीद | संगीत - ज्ञान दत्ता | फ़िल्म - NA | वर्ष - 1942

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जीने की सूरत हो गई

जीने की सूरत हो गई

और तेरी बदौलत हो गई

जब दर्द से चाहत हो गई

समझो के मोहब्बत हो गई

जब हौलेहौले मन डोले

और अपनी धुन में कुछ बोले

नैनों में काजल रस घोले

समझो के मोहब्बत

जब रतियाँ नाचें गाएँ

जब तारे साज़ बजाएँ

और झूमें मस्त घटाएँ

समझो के मोहब्बत

बेवजह कलाई जब छनके

छनछन छनछन पायल छनके

और नयन का प्याला भी खनके

समझो के मोहब्बत