तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको - The Indic Lyrics Database

तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - सुधा मल्होत्रा - मुकेश | संगीत - सुधा मल्होत्रा | फ़िल्म - दीदी | वर्ष - 1959

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तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मोहब्बत की है
मेरे दिल की मेरे जज़बात की क़ीमत क्या है
उलझे उलझे से खयालात की क़ीमत क्या है
मैंने क्यों प्यार किया तुमने न क्यों प्यार किया
इन परेशान सवालात की क़ीमत क्या है
तुम जो ये भी ना बताओ तो ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मोहब्बत की है
ज़िन्दगी सिर्फ मोहब्बत नहीं कुछ और भी है
ज़ुल्फ़-ओ-रुख़सार की जन्नत ही नहीं कुछ और भी है
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में
इश्क़ ही एक हक़ीक़त नहीं कुछ और भी है
तुम अगर आँख चुराओ तो ये हक़ है तुमको
मैंने तुम से ही नहीं सब से मोहब्बत की है
तुमको दुनिया के ग़म-ओ-दर्द से फुरसत ना सही
सबसे उल्फ़त सही मुझसे ही मोहब्बत ना सही
मैं तुम्हारी हूँ यही मेरे लिये क्या कम है
तुम मेरे हो के रहो ये मेरी क़िस्मत न सही
और भी दिल को जलाओ तो ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मोहब्बत की है