ढलकी जाये चुँदरिया हमारी हो राम - The Indic Lyrics Database

ढलकी जाये चुँदरिया हमारी हो राम

गीतकार - मजरूह | गायक - आशा: | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - नौ दो ग्यारह | वर्ष - 1957

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ढलकी जाये चुँदरिया हमारी हो राम-2
पी से मिल के बहकने के दिन आये हो-2
ढलकी जाये

जैसे ठण्डी पवन बन के प्यार आ गई-2
जैसे चुपके से बन में बहार आ गई
फूल बन के
हो फूल बन के महकने के दिन आये हो

ढलकी जाये चुँदरिया हमारी हो राम
ढलकी जाये

मैं तो सपनों की बगिया में डोलूँगी रे-2
बन की बन के कोयलिया मैं बोलूँगी रे
डाली डाली
हो डाली डाली चहकने के दिन आये हो

ढलकी जाये
ढलकी जाये चुँदरिया हमारी हो राम
पी से मिल के बहकने के दिन आये हो
ढलकी जाये$