दिनसे दुगुनी हो जाये रतिया, हाय्! - The Indic Lyrics Database

दिनसे दुगुनी हो जाये रतिया, हाय्!

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - सहगल | संगीत - ज्ञान दत्त | फ़िल्म - NA | वर्ष - 1942

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दो ज़ुल्मी नैनां मार गए

दो ज़ुल्मी नैनां मार गए

वो जीत गए हम हार गए

मैं का करूं

कुछ वो डरें दुनिया से

कुछ मैं डरूं

ज़ख़मी दिल ले कर जाऊं कहां, कोई बोले

या हमें बना ले अपना या मेरा हो ले

जुग जुग वो जीएं जग में और मैं मरूं

कुछ वो डरें दुनिया से

कुछ मैं डरूं

दो ज़ुल्मी नैनां मार गए

वो जीत गए हम हार गए

मैं का करूं

इक रोग निराला हम ने पाला

कया करूं बता दे कोई सुन्ने वाला

रो रो पुकारे दिल नैंओं ने मारा

सुख में कटें दिन मेरे है कोई पयारा

जुग जुग वो जीएं जग में और मैं मरूं

कुछ वो डरें दुनिया से

कुछ मैं डरूं

दो ज़ुल्मी नैनां मार गए

वो जीत गए हम हार गए

मैं का करूं