देखा है ज़िन्दगी को कुछ इतना करीब से - The Indic Lyrics Database

देखा है ज़िन्दगी को कुछ इतना करीब से

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - रवि | फ़िल्म - एक महल हो सपनोंका | वर्ष - 1975

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देखा है ज़िन्दगी को कुछ इतना करीब से
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से
कहने को दिल की बात जिन्हें ढूँढते थे हम
महफ़िल में आ गए हैं वो अपने नसीब से
नीलाम हो रहा था किसी नाज़नीं का प्यार
क़ीमत नहीं चुकाई गई एक ग़रीब से
तेरी वफ़ा की लाश पे ला मैं ही डाल दूँ
रेशम का ये कफ़न जो मिला है रक़ीब से