रात रंगीली मस्त नज़ारे - The Indic Lyrics Database

रात रंगीली मस्त नज़ारे

गीतकार - शकील | गायक - लता, रफी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - दुलारि | वर्ष - 1949

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रैन गयी अब हुआ सवेरा याद तेरी ने घेरा है

रैन गयी अब हुआ सवेरा याद तेरी ने घेरा है

रैन गयी अब हुआ सवेरा

तुमसे नैन लगाके साजन

दुनिया से मुँह फेरा है

रैन गयी अब हुआ सवेरा

तुम तो दिल की धड़कन बनके दिल मे आके बैठ गये

इस घर को जो खो बैठा है

उस का कौन बसेरा है

रैन गयी अब हुआ सवेरा

मन के पँछी सोचसमझ ले वह जादू की नगरी है

सम्भल सम्भल कर घर आना नज़रों ने जाल बखेरा है

रैन गयी अब हुआ सवेरा याद तेरी ने घेरा है

रैन गयी अब हुआ सवेरा