रिश्तों के सारे मंज़र चुपचाप देखता हूँ - The Indic Lyrics Database

रिश्तों के सारे मंज़र चुपचाप देखता हूँ

गीतकार - Nil | गायक - अरिजीत सिंग | संगीत - Nil | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil

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रिश्तों के सारे मंज़र चुपचाप देखता हूँ
हाथों में सबके खंजर चुपचाप देखता हूँ
जिसमें पला है मेरे बचपन का लम्हा लम्हा
उजड़ा हुआ सा वो घर चुपचाप देखता हूँ
धरता है कितने तोहमत मुझपे वजूद मेरा
जब भी मैं दिल के अंदर चुपचाप देखता हूँ
वो रहगुज़र कभी जो मंज़िल की इब्तिदा थी
उसको मैं अब पलटकर चुपचाप देखता हूँ