जिन आँखों की नीन्द हराम हुई - The Indic Lyrics Database

जिन आँखों की नीन्द हराम हुई

गीतकार - बूटा रामी | गायक - शमशाद | संगीत - बुलो सी रानी | फ़िल्म - जोगन | वर्ष - 1950

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( जिन आँखों की नीन्द हराम हुई
उन आँखों का हाल वो क्या जाने )
( क्यूँ पलकों को अश्क़ों से प्यार हुआ
क्यूँ जीना बवाल वो क्या जाने )
( क्यूँ काँपते होंठों पे कुछ भी नहीं
क्यूँ दिल में तमन्ना है सहमी हुई )
हो ओ ओ
आ-आ के सताता रहता है
( आ-आ के सताता रहता है
क्यूँ उनका ख़याल वो क्या जाने )
जिन आँखों की नीन्द हराम हुई
उन आँखों का हाल वो क्या जाने
( दिन चैन से जिनके ग़ुज़रते हों
और रातें हो जिनकी नीन्द भरी )
इक प्यार के मारे हुये दिल का
( इक प्यार के मारे हुये दिल का
बेहाल सा हाल वो क्या जाने )
जिन आँखों की नीन्द हराम हुई
उन आँखों का हाल वो क्या जाने